Corona virus pandemic से उबरने के बाद दुनिया कीEconomy किस तरफ जायेगी! इस virus के पूरी दुनिया मेंफैलने के बाद यह एक यक्ष प्रश्न बन गया हैं। खासकर US और European देशों का Economic structure पूरी तरह सेचरमरा जायेगा। भारत जैसी Emerging Economy वाले देशोंके लिए आने वाला वक्त बहुत कठिन होने वाला है।
शायद इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि Economic Recession की बजाय Great Depression की तरफWorld Economy का जाना तय माना जा रहा है और यहवैश्विक अर्थव्यस्था को US में 2009 में आये recession सेअधिक खतरनाक साबित होगा।

सबसे अहम मसला है कि भारत सरकार के पास कामगारों काकोई आंकडा नहीं हैं। जहां Western Countries अपने देशों मेंकामगारों की हरसंभव मदद कर रही हैं। वहीं भारत में असंगठितक्षेत्रों में काम करने वाले Daily Wage पर काम करने वालेमजदूरों की संख्या 80 फीसदी है। ऐसी स्थिति में इन कामगारोंतक सरकारी मदद पहुंचाना भारत सरकार के लिए असंभव है।भारत जैसी developing economies के लिए यह कितनागंभीर होगा। इसको सरकारी आंकडों से समझना बेहद मुश्किलहै।
IMF की Managing Director Kristalina Georgieva नेसंवाददाताओं को कुछ दिन पहले इसके 189 सदस्यों की समितिकी बैठक के बाद बताया था कि हम 2020 और 2021 कीसंभावित growth पर भरोसा कर रहे थे, लेकिन अब पूरी दुनियाRecession में प्रवेश कर गयी है और आने वाली स्थिति 2009से भी बदतर होगी।
उन्होंने बताया कि 50 कम आय वाले देशों सहित 81 देशों की Emergency financing requests प्राप्त हुई है। यह आने वाले वक्त में बढ सकती है।
इस Pendemic से प्रभावितों की संख्या यदि इस प्रकार लगातार बढती जाती है तो 1918 से 1920 के बीच फैले Spenish Flu से 500 million लोग प्रभावित हुए थे और उसमें भी मरने वालों की संख्या केवल 10 प्रतिशत थी और प्रभावितों की संख्या के मुताबिक 50 million लोग मौत के मुंह में समा गये थे।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब COVID-19 पूरी दुनिया में फैल चुका है जिसके कारण वैश्विक स्तर पर Retail, Transports, Manufacturing, Tourism, Aviation, Construction और Restaurant जैसे कई व्यापारों पर व्यापक स्तर पर प्रभाव पड रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि COVID-19 के प्रभाव से developed and emerging markets सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। अभी जब Corona Virus से दुनिया लडने की तैयारी में ही जुटी हुई है तब इसके खात्मे के बाद देखा जाये तो world economy बुरी तरह प्रभावित होगी। जहां कई कंपनियां bankruptcies के कगार पर खडी होंगी, वहीं बडे स्तर पर कर्मचारियों को layoffs किया जायेगा।
एक अनुमान के मुताबिक emerging markets को इस वक्त 2.5 trillion dollars की जरूरत है।
Deepak Sen – Senior Journalist