By Dr Rajeev Bindal, MLA Nahan
जन साधारण में यह धारणा रहती है कि जनप्रतिनिधि (public representative) बाकी समाज से पूर्णतया भिन्न होता है, वह यह योचता है कि जन प्रतिनिधि (public representative)/सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) का कोई व्यक्तिगत् जीवन नहीं होता, कोई पारिवारिक जीवन नहीं होता, उसे अपने शरीर के लिए, मन, बुद्धी, आत्मा के लिए, परिवार के लिए कोई समय की आवश्यक्ता नहीं रहती है । इस वजह से समाज का व्यक्ति राजनैतिक (Political)/सामाजिक(Social) कार्यकर्ता से पूर्ण रूपेण समाज के लिए ही काम करने की उपेक्षा करता है । इस विषय को गहराई से समझ लेना व मनन कर लेना नितान्त आवश्यक है ।
समाज का विचार, समाज का व्यवहार उपरोक्त धारणा के अनुरूप चलता है उसी के अनुरूप व्यक्तियों की अपेक्षाऐं बनती है ।
उदाहरण :
ग्रामीण परिवेष (Rural Background) का व्यक्ति प्रातः जल्दी उठता है, पशु का, खेत का काम करने के बाद भी वह प्रातः 6-7 बजे अपने जन प्रतिनिधि (public representative) या नेता (Leader) से बात करके अपनी समस्या का समाधान चाहता है । उसे यह स्मरण नहीं होता कि न मालूम हमारा प्रतिनिधि रात्री किस समय तक कार्य में रहा होगा ।
इसके विपरीत शहर में रहने वाला व्यक्ति पूरे दिन का अपना काम काज निपटा कर जन प्रतिनिधि/सामाजिक कार्यकर्ता से मिलने की या उनसे बात करने की योजना बनाता है ।
जनप्रतिनिधि/सामाजिक कार्यकर्ता के अपने जो विशिष्ठ सहयोगी रहते है, पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता रहते है, उन्हें भी उनकी सुविधानुसार समय की अपेक्षा रहती है, चाहे संगठन का काम हो या समाज का काम हो ।
जनप्रतिनिधि/नेता को क्षेत्र के अधिकारियों से discussion करने के लिए, इलाका के महत्वपूर्ण लोगों से वार्ता करने के लिए, जनता में सुख-दुःख में भागीदार बनने के लिए, सामाजिक, धार्मिक, सेवा सम्बन्धि कार्यक्रमों में जाने के लिए भी समय निर्धारण करना होता है ।
जनप्रतिनिधि/सामाजिक कार्यकर्ता को अपने क्षेत्र से हट कर दूसरे स्थानों पर सामाजिक/राजनैतिक/जन प्रतिनिधि के दायित्वों का निर्वाहण करने भी जाना पड़ता है । ऐसे में समाजिक अपेक्षाओं/संगठन की अपेक्षाओं/पारिवारिक अपेक्षाओं एवं अन्य दायित्वों का निर्वाहन करने में बहुत कठनाई का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त सभी expectations पर पूरा उतरना जीवन की बड़ी तपस्या से ही प्राप्त हो सकता है । जिन्होंने इन विषयों पर साधना करते हुए अपने जीवन को सफल बनाया है उनके जीवन से सीखने की जरूरत है और यह निर्बाध गति से चलने वाला निरन्तर तप है ।
ग्रामीण परिवेष का व्यक्ति विशेष तौर पर अभाव ग्रस्त व्यक्ति अपने विषय का प्रतिपादन बहुत अच्छी प्रकार नहीं कर पाता । जिसे जनप्रतिनिधि (public representative) /सामाजिक कार्यकर्ता (social Worker) ठीक से नहीं रख पाता, परिणाम् होता है वह जल्दी ही असन्तुष्ट हो जाता है ।
जन प्रतिनिधि उसके कार्य के लिए प्रयास भी करता है तो भी उसे उसमें सत्यता व गम्भीरता नजर नहीं आती । उसे ऐसा लगता है कि उसके सामने ही उसका काम होना चाहिए, उसके चले जाने के बाद उसका काम होगा या नहीं यह उसके मन में प्रश्न खड़ा रहता है । ऐसी स्थिति में देश काल समय के अनुभव से सीखते हुए व्यवहार की रचना करनी होती है ।
उदाहरण :
साधारण व्यक्ति साधार स्वभाव में जन प्रतिनिधि के पास पहुचा और पूछा मेरे काम का क्या हुआ ? जन प्रतिनिधि को तो स्मरण नहीं है कि इनका काम क्या था, आगन्तुक ने समझाया नहीं अब विषय को याद करना उसके अनुसार उत्तर देना टेढ़ी खीर है ।
आगन्तुक को लगता है कि मैने एक बार अपना काम बता दिया अब तो उसका निवारण होना ही चाहिए और उत्तर भी मिलना ही चाहिए । जन प्रतिनिधि की यह परीक्षा रहती है, यही वह वर्ग है जिसको सर्वाधिक आवश्यक्ता है । यह सच्चा पक्का मनुष्य है इसकी सेवा हमारा धर्म है यह भाव सदैव मन में रखते हुए कार्य करना होगा ।
नगरों की निर्धन बस्तियों में रहने वाले व्यक्ति का व्यवहार पूरी तरह अलग रहता है । उन्हें यह लगता है कि जन प्रतिनिधि हमारे मौहल्ले में हमारे घर में आ कर समस्या समाधान करके जाऐं ।
भारत के लोकतन्त्र (democracy) ने पिछले 65 साल का राजनैतिक पार्टियों का क्रियाकलाप देखा है । उन्हीं के आचरण के अनुसार व्यक्तियों ने अपनी सोच को विकसित किया है और यह सोच पूरे देश में एक सी नहीं है । Ideas were developed as per the social structure of state । लम्बे समय तक congress party ने देश पर राज किया है कांग्रेस ने सामान्य व्यक्ति को क्षणिक लाभ दिखा कर अपने साथ जोडे रखा जैसा कि गऊ-भैंस-बकरी-खच्चर के लिए लोन ले लो, I If not able to pay तो उसे माफ कर दो ।
आरक्षण, भाई भतिजावाद, भ्रष्ट आचरण, कुछ ऐसी व्याधियाॅ (बिमारियाॅ) है जो कांग्रेस पार्टी ने देश में पैदा की है जिसका दुष्प्रभाव शेष पार्टियाॅ भी झेल रही है। ऐसे में सामाजिक/राजनैतिक कार्यकर्ता के लिए अपना स्थान बनाऐं रखना, इस कलुम्बित वातावरण में अपने आपको जीवित रखना एवं कालिख से बचे रहना बहुत बड़ी चुनौती है ।
Dr Rajiv Bindal, MLA Nahan
कार्यालय : नजदीक कालीस्थान तालाब,
Nahan जिला सिरमौर Himachal Pradesh।
पिन न0 173001