वोकल फॉर लोकल के तहत मेले की शुरुआत
2 मार्च तक चलेगा खिलौना मेला
ये पहला toy fair केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है।

ये कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है: PM
आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले ‘चतुरंग या चादुरंगा’ के रूप में भारत में खेला जाता था।
आधुनिक लूडो तब ‘पच्चीसी’ के रुप में खेला जाता थाI
हमारे धर्मग्रन्थों में भी आप देखिए, बाल राम के लिए अलग-अलग कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है: PM
सिंधुघाटी सभ्यता, मोहनजो-दारो और हड़प्पा के दौर के खिलौनों पर पूरी दुनिया ने रिसर्च की है।
प्राचीन काल में दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, तो भारत में खेलों को सीखते भी थे, और अपने साथ लेकर भी जाते थे: PM
Reuse और recycling जिस तरह भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रहे हैं, वही हमारे खिलौनों में भी दिखता है।
ज़्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और eco-friendly चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं: PM
आज मैं देश के toy manufacturers से भी अपील करना चाहूँगा कि आप ऐसे खिलौने बनाएँ जो ecology और psychology दोनों के लिए ही बेहतर हों!
क्या हम ये प्रयास कर सकते हैं कि खिलौनों में कम से कम प्लास्टिक इस्तेमाल करें?
ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिन्हें recycle कर सकते हैं: PM
वैसे ही गुलेल से खेलता बच्चा जाने-अनजाने में Potential से Kinetic Energy के बारे में basics सीखने लगता है।
Puzzle toys से रणनीतिक सोच और समस्या को सुलझाने की सोच विकसित होती है।
इसी तरह, नवजात बच्चे भी झुनझुने और बाजे घुमा-घुमाकर circular movement को महसूस करने लगते हैं: PM
भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है, विज्ञान भी होता है, मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान भी होता है।
उदाहरण के तौर पर लट्टू को ही लीजिये। जब बच्चे लट्टू से खेलना सीखते हैं तो लट्टू खेल खेल में ही उन्हें gravity और balance का पाठ पढ़ा जाता है: PM
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है।
ये एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था है जिसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक और रचनात्मक सोच बढ़े, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है: PM
खिलौनों के क्षेत्र में भारत के पास tradition भी है और technology भी है, भारत के पास concepts भी हैं, और competence भी है।
हम दुनिया को eco-friendly toys की ओर वापस लेकर जा सकते हैं, हमारे software engineers computer games के जरिए भारत की कहानियों को दुनिया तक पहुंचा सकते हैं: PM
अब देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है।
National Toy Action Plan भी तैयार किया गया है।
इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग competitive बने, देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बनें, और भारत के खिलौने दुनिया में भी जाएँ: PM
अगर आज Made in India की demand है तो आज Handmade in India की demand भी उतनी ही बढ़ रही है।
आज लोग खिलौनों को केवल एक product के रूप में ही नहीं खरीदते हैं बल्कि उस खिलौने से जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं।
इसलिए हमें Handmade In India को भी promote करना है: PM