
NEET-JEE की परीक्षा के खिलाफ कोर्ट जाएंगे, डिजिटल बैठक में लिया फैसला
नई दिल्ली. सरकार ने NEET-JEE की परीक्षा लेने का फैसला लिया व शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी.

इस मुद्दे पर कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए विपक्ष शासित प्रदेशों के सात मुख्यमंत्रियों ने परीक्षाएं स्थगित करने की मांग का समर्थन करते हुए फैसला किया कि वे इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. इस फैसले का समर्थन डीएमके और आम आदमी पार्टी ने भी किया है.
इसी मुद्दे पर डिजिटल बैठक का आयोजन किया गया जिसमे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया डीएमके के मुखिया एम के स्टालिन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी उपस्थित थे |
सभी इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले के साथ थे | हालांकि झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए.
सामान्य होने तक परीक्षाएँ स्थगित हों – ममता बनर्जी
डिजिटल बैठक में भाग लेते हुए ममता बनर्जी ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि हालात के सामान्य होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए.
कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते – अमरिंदर सिंह
डिजिटल बैठक के दौरान अमरिंदर सिंह ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि सितंबर में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?
संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे – उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और संकट बढ़ गया है ऐसे हालत में परीक्षाएं कैसे ली जा सकती हैं?
अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ न्यायालय का रुख करने के विचार से सहमति जताई.
जोखिम कैसे उठा सकते हैं – सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार से छात्रों के चयन के लिये वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया.
सिसोदिया ने कहा, ‘तमाम ऐहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केंद्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे.’
एम के स्टालिन ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए.